[ad_1]
लखनऊ, 24 जनवरी (आईएएनएस)। अगले माह फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से पहले विभागों के बीच अधिक से अधिक निवेश जुटाने की एक स्वस्थ परंपरा शुरू हो गई है। खासतौर पर डिपार्टमेंट ऑफ एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी (यूपीनेडा) ने लक्ष्य के 400 प्रतिशत के करीब निवेश प्रस्तावों को एमओयू में परिवर्तित किया है।
विभाग को सरकार की ओर से 60 हजार करोड़ का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन यूपीनेडा ने 20 जनवरी तक करीब 2.20 लाख करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित एमओयू पर साइन कर लिए थे। यही नहीं, ऊर्जा विभाग ने भी एक लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 1.16 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश से संबंधित एमओयू किए। इस तरह ऊर्जा क्षेत्र में अब तक 3.40 लाख करोड़ रुपए के निवेश की राह साफ हो गई है।
यूपीनेडा को शुरूआत में 40 हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 60 हजार करोड़ कर दिया गया। विभाग को कुल 229 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनकी कुल कॉस्ट पौने चार लाख करोड़ है। इनमें 154 निवेश प्रस्तावों को विभाग की ओर से एमओयू में परिवर्तित किया गया। इन एमओयू की कुल कॉस्ट 2.20 लाख करोड़ रही। यह लक्ष्य का 365 प्रतिशत से ज्यादा रहा। अभी विभाग अन्य 65 निवेश प्रस्तावों पर बातचीत कर रहा है। इनकी कुल कॉस्ट 17 हजार करोड़ से ज्यादा की है। इनके जल्द ही एमओयू में परिवर्तित होने की संभावना है।
इसी तरह, ऊर्जा विभाग को 1 लाख करोड़ से ज्यादा के 10 प्रस्ताव प्राप्त हुए और विभाग ने सभी को एमओयू में परिवर्तित करते हुए एक लाख करोड़ के लक्ष्य को शत प्रतिशत प्राप्त कर लिया।
ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा व अन्य अधिकारियों ने संभावित निवेशकों को विभाग एवं बायोऊर्जा पालिसी-2022 एवं सौर ऊर्जा पालिसी-2022 की जानकारी उपलब्ध कराते हुए प्रदेश में निवेश किए जाने हेतु आमंत्रित किया। इसके अतिरिक्त ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न निवेशकों की समस्याओं के निस्तारण की भी तैयारी की गई है। इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु विभागीय कार्यक्रमों से संबधित सोलर पालिसी-2022 एवं बायोऊर्जा पालिसी-2022 के ब्रोशर वितरित किए गए हैं। जैव ऊर्जा पालिसी से संबंधित निवेशकों के सम्भावित प्रश्नों हेतु एफएक्यू तैयार हैं तो समिट के दौरान प्रदर्शित की जाने वाली सेक्टोरल फिल्म के लिए स्क्रिप्ट भी तैयार है।
–आईएएनएस
विकेटी/एएनएम
[ad_2]