Homeदेशधरना से पहले तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं को किया गया नजरबंद

धरना से पहले तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं को किया गया नजरबंद

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हैदराबाद, 2 जनवरी (आईएएनएस)। सरपंचों की समस्याओं को लेकर तेलंगाना कांग्रेस के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले सोमवार को हैदराबाद में पुलिस ने कांग्रेस के नेताओं को नजरबंद कर दिया।

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी, उपाध्यक्ष मल्लू रवि और अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।

जुबली हिल्स में रेवंत रेड्डी के आवास के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, ताकि उन्हें धरने का नेतृत्व करने के लिए इंदिरा पार्क जाने से रोका जा सके।

टीपीसीसी के एक अन्य नेता महेश कुमार गौड़ को भी पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

विपक्षी दल ने अपने नेताओं की नजरबंदी की निंदा की है। पुलिस द्वारा धरने की अनुमति देने से इनकार करने पर निराशा व्यक्त की।

रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने अपने घर के बाहर पुलिसकर्मियों का एक वीडियो शेयर किया और लिखा, सीएम प्रगति भवन से बाहर नहीं आते है और न ही आम आदमी की इसमें पहुंच है। अगर हम सवाल करते हैं, तो हमें हाउस अरेस्ट का सामना करना पड़ता है और केस दर्ज कर लिया जाता है। राज्य में सरपंचों की दुर्दशा के खिलाफ धरने को रोकने के लिए पुलिस ने मेरे घर और सभी महत्वपूर्ण नेताओं को घेर लिया। लोकतंत्र कहां है?

कांग्रेस पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद वह धरना जारी रखेगी।

इससे पहले मल्लू रवि ने धरने की अनुमति नहीं देने के पुलिस के फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है क्योंकि पार्टी ने रास्ता रोको या विधानसभा का घेराव करने की अनुमति नहीं मांगी थी। हम एक निर्दिष्ट स्थान पर एक शांतिपूर्ण धरना आयोजित करना चाहते थे और इंदिरा पार्क में धरना चौक लोगों द्वारा लोकतांत्रिक विरोध के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पंचायतों को फंड नहीं दे रही है और इससे गांवों का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने राज्य भर के सरपंचों से धरना स्थल पर एकजुट होकर गांवों के लिए धन उपलब्ध कराने में सरकार के रवैये के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने की अपील की।

कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह तेलंगाना की 12,750 पंचायतों में समस्याओं और निर्वाचित सरपंचों के साथ अनुचित व्यवहार को उजागर करने के लिए विरोध कर रही है।

सरपंच एक साल से सरकारी धन नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनमें से दर्जनों अपना इस्तीफा सौंपने के लिए आगे आए हैं।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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