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शिलांग, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। मेघालय के एक संगठन ने मंगलवार को सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर तृणमूल कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खासी पारंपरिक पोशाक पहनने पर मजाक उड़ाया था।
1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य, आजाद ने 23 दिसंबर को टिप्पणी के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर माफी भी मांगी थी। उन्होंने ट्वीट किया था- मेरे हालिया ट्वीट को गलत समझा गया। इसने लोगों की भावनाओं को आहत किया। उनसे मैं क्षमा चाहता हूं। हमारी विविध संस्कृतियों के लिए अत्यधिक सम्मान और गर्व है। मेरी अनजाने में की गई टिप्पणी से हुई पीड़ा के लिए मुझे खेद है। मैं अपने संवैधानिक मूल्यों को हमेशा बनाए रखने के लिए काम करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराता हूं। प्पार्टी के एक सिपाही के रूप में, मैंने हमेशा हमारे संविधान द्वारा निर्धारित पथ का अनुसरण किया है जो हमारी विविधता का सम्मान करने का आह्वान करता है।
हिन्नीवट्रेप इंटीग्रेटेड टेरिटोरियल ऑर्गनाइजेशन (एचआईटीओ) के अध्यक्ष, डोनबोक दखार ने मंगलवार को कहा कि आजाद ने खासी जनजाति का अपमान एक तस्वीर को मॉर्फ करके किया, जिसमें पोशाक को महिला पोशाक के रूप में दर्शाया गया था जो आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध थी। खासी जनजाति के स्वाभिमान और समृद्ध इतिहास को बनाए रखने के लिए संगठन 30 दिसंबर को एक रैली आयोजित करेगा, इसी दिन महान शहीद यू वो कियांग नांगबाह की 160वीं पुण्यतिथि भी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके अरुणाचल प्रदेश के समकक्ष (सीएम) पेमा खांडू ने भी कीर्ति आजाद की आलोचना की थी। सरमा ने ट्वीट किया था: यह देखकर दुख होता है कि कीर्ति आजाद मेघालय की संस्कृति का अपमान कर रहे हैं और हमारे आदिवासी पहनावे का मजाक उड़ा रहे हैं। टीएमसी को तत्काल स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह उनके विचारों का समर्थन करते हैं। उनकी चुप्पी मौन समर्थन के बराबर होगी और इस तरह लोगों द्वारा उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।
खांडू ने ट्वीट किया था, प्रिय कीर्ति आजाद, आपका मेघालय की समृद्ध आदिवासी परंपराओं और हमारी समृद्ध आदिवासी विरासत का उपहास करना तिरस्कारपूर्ण और घृणित है। आपकी भाषा दयनीय है और नारीत्व की गरिमा पर आघात है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
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