प्रदेश के 50 हजार से कम आबादी वाले 23 छोटे शहरों का भी कायाकल्प होगा। राज्य अब केंद्र को अमृत-2 योजना में शामिल करने का प्रस्ताव भेजेगा।
उत्तराखंड के 50 हजार से कम आबादी वाले 23 छोटे शहरों का भी कायाकल्प होगा। राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब इसका विस्तृत प्रस्ताव केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा।
अमृत-एक योजना में उत्तराखंड के छह नगर निगम देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रुड़की के साथ ही नैनीताल को शामिल किया गया था। इन शहरों में योजना के तहत मास्टर प्लान बनाने के बाद सीवेज, पेयजल आदि के काम हुए। अब केंद्र सरकार अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत 2.0) की शुरुआत करने जा रहा है।
हाल ही में केंद्रीय मंत्रालय में इसे लेकर बैठक हुई, जिसमें उत्तराखंड के चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव शामिल हुए। उन्होंने मांग की थी कि उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में श्रेणी-3 के छोटे शहरों को भी शामिल किया जाए, जिस पर मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी थी।
इसके बाद विभाग ने इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है। शशि मोहन के मुताबिक, राज्य के ऐसे 23 शहर हैं, जो कि श्रेणी-3 के हैं। श्रेणी-1 व श्रेणी-2 के कुल मिलाकर 10 शहर हैं।
ऐसे बदलेगी सूरत
अमृत 2.0 योजना के तहत शहरों का मास्टर प्लान बनेगा। इस प्लान के हिसाब से ही यहां सीवेज, पेयजल लाइनों के अलावा जल निकासी, ग्रीन स्पेस व पार्क विकसित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से ही बजट मिलेगा।
निकायों के मास्टर प्लान बनाने का काम जारी
राज्य के 63 नगर निकायों का मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। मुख्य नगर नियोजक शशि मोहन के मुताबिक, आने वाले कुछ माह में सभी निकायों के प्लान तैयार हो जाएंगे।