हालांकि कैबिनेट विस्तार की अटकलें फिलहाल शांत हैं, लेकिन गुरुवार सुबह हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और संतों के साथ हुई ‘गोपनीय’ बैठक ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री ने जगदगुरु आश्रम में करीब 45 मिनट तक संघ के पूर्व सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और आश्रम के प्रमुख स्वामी राजराजेश्वरानंद से गहन विचार-विमर्श किया।
इस अचानक हुए दौरे को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और राजनीतिक गलियारों में इसके निहितार्थ को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। गुरुवार सुबह, बिना किसी प्रोटोकॉल और सूचना के, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हैलीपैड से सीधे कनखल स्थित जगदगुरु आश्रम का रुख किया।
यह मुलाकात और मुख्यमंत्री का अचानक दौरा सियासी दृष्टि से कई सवाल खड़े कर रहा है। क्या यह कदम राज्य में आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों के संकेत दे रहा है? यह सवाल अब चर्चा का केंद्र बन चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हरिद्वार दौरा अब राजनीतिक चर्चा का विषय बन चुका है। जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सर कार्यवाह और मौजूदा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी और स्वामी राजराजेश्वरानंद से लंबी मंत्रणा की। भाजपा संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने इसे शिष्टाचार भेंट के तौर पर पेश किया, लेकिन सियासी गलियारों में इसे आगामी कैबिनेट विस्तार और प्रदेश भाजपा नेतृत्व में संभावित बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
यह मुलाकात इस समय राजनीतिक दृष्टि से अहम मानी जा रही है, खासकर जब भाजपा में कुछ आंतरिक बदलाव और कैबिनेट विस्तार की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। मुख्यमंत्री का यह अचानक दौरा बिना किसी प्रोटोकॉल और सूचना के हुआ, और इसके बाद सियासी हलकों में कई सवाल उठने लगे हैं। क्या यह मुलाकात प्रदेश भाजपा नेतृत्व में कोई बड़ा बदलाव ला सकती है? क्या इसके पीछे कैबिनेट विस्तार का कोई निहितार्थ है?
राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को प्रदेश की राजनीति में आने वाली हलचल से जोड़कर देख रहे हैं, जो आगामी दिनों में और भी स्पष्ट हो सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हरिद्वार में संघ और संतों से हुई गोपनीय बैठक ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मुलाकात की गोपनीयता, मीडिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी ने अटकलों को और भी तेज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार के कैबिनेट विस्तार के साथ भाजपा प्रदेश संगठन में भी बड़े निर्णय लेने की तैयारी की जा रही है, जिसके बाद प्रदेश में राजनीतिक बदलाव की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
जगदगुरु आश्रम के सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस के पूर्व सर कार्यवाह और मौजूदा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी बुधवार रात को जगदगुरु आश्रम पहुंचे। इसके बाद, मुख्यमंत्री धामी ने स्वामी राजराजेश्वरानंद और सुरेश भैयाजी जोशी के साथ लंबी मंत्रणा की। इस अचानक हुई बैठक ने सियासी गलियारों में गहरी चर्चाएं छेड़ दी हैं, खासकर कैबिनेट विस्तार और प्रदेश भाजपा नेतृत्व में संभावित बदलाव के संदर्भ में।
इस बैठक की गोपनीयता और मीडिया से दूरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या मुख्यमंत्री की यह मुलाकात पार्टी के भीतर किसी बड़े फैसले की ओर इशारा करती है? क्या इसका मतलब है कि जल्द ही कुछ अहम निर्णय लिए जाएंगे?
राजनीतिक हलकों में इन सवालों के जवाब खोजे जा रहे हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस बैठक का राजनीतिक परिपेक्ष्य किस दिशा में आगे बढ़ता है।