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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा, वनाग्नि रोकथाम और पेयजल आपूर्ति पर विशेष ध्यान केंद्रित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जन शिकायतों का त्वरित समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।

आगामी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित कर यात्रा व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और जिलाधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान विभागों और जिला प्रशासन के स्तर पर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा न केवल आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की आजीविका से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित किया जाए, ताकि यात्रा की व्यवस्थाएं और भी प्रभावी बन सकें।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि चारधाम यात्रा को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए जन सहयोग भी प्राप्त किया जाए और यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण तथा यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आगामी चारधाम यात्रा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक बैठक में वनाग्नि प्रबंधन को लेकर वन विभाग और सभी जिलाधिकारियों को पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

वनाग्नि नियंत्रण के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के संपर्क नंबरों को नियमित रूप से अपडेट रखने का निर्देश दिया, ताकि किसी भी वनाग्नि घटना पर शीघ्रता से प्रतिक्रिया दी जा सके। इसके अलावा, वनाग्नि की संभावना वाले क्षेत्रों में विशेष टीमों की तैनाती की जाए और उनकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही मोबाइल गश्त टीमों को भी सक्रिय किया जाए।

मुख्यमंत्री ने गर्मियों में पेयजल संकट को लेकर भी चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि लोगों को जल की कोई कमी न हो। पेयजल समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं, और पेयजल टैंकरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस विषय में बैठक करने और समाधान के प्रयासों की निगरानी करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आगामी मानसून सीजन के दौरान सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने और बाढ़ सुरक्षा कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों में उपचारात्मक कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए भी निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से जन सुनवाई के लिए नियमित बैठकों और तहसील दिवस, बीडीसी बैठकों तथा बहुउद्देशीय शिविरों के माध्यम से योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लोगों तक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े और ई-सेवाओं के माध्यम से अधिकतम लाभ प्रदान किया जाए।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनावश्यक देरी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने के लिए भी उन्होंने तेजी लाने के निर्देश दिए, साथ ही स्मार्ट मीटरों की कार्यवाही में तेजी लाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य की सुरक्षा से जुड़ी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने का आदेश दिया। उन्होंने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ नियमित कार्रवाई करने की बात भी कही। यदि किसी कार्मिक द्वारा अपात्र लोगों को आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली-पानी कनेक्शन जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं, तो उन्हें तुरंत निलंबित कर टर्मिनेशन की कार्रवाई शुरू की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य की सुरक्षा से संबंधित विषय है और इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने मण्डल आयुक्तों से भी निर्देश दिया कि वे स्वयं फील्ड में जाकर इन कार्यों की प्रगति का सत्यापन करें और आगामी समीक्षा बैठक से पहले सभी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपें।

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