मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा की शुरुआत से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं, ताकि यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाया जा सके। साथ ही, यात्रा मार्गों पर आपदा संभावित और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाए और संवेदनशील स्थलों पर सभी आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस को एक मजबूत कार्य योजना तैयार करनी होगी। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि पिछले साल जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था, उनका इस बार पुनरावृत्ति न हो, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के दौरान जाम की स्थिति वाले स्थानों की रियल टाइम जानकारी इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के सोशल मीडिया हैंडल्स पर यातायात और मौसम से संबंधित जानकारी नियमित रूप से अपडेट की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे यात्रियों को पार्किंग स्थलों की जानकारी गूगल मैप्स के माध्यम से उपलब्ध हो सके। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की जाए, जो होटल, धर्मशाला, होम स्टे और अन्य आवश्यक सुविधाओं के पास हों, ताकि यात्रियों को अधिक सुविधा हो।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को मजबूत किया जाए। उन्होंने अस्थायी पार्किंग स्थल विकसित करने के लिए स्थानीय निवासियों से संपर्क करने और यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार क्रश बैरियर लगाने की बात भी कही। वाहनों की सघन चेकिंग के लिए अभियान चलाने, वाहनों की फिटनेस पर ध्यान देने और विभिन्न जानकारियों के लिए साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए।
धामों में दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने पर भी मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे पंजीकरण के बाद ही चारधाम यात्रा पर आएं, क्योंकि सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से यह व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजीकरण की व्यवस्था में 60 प्रतिशत ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के लिए यात्रा मार्गों से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने और उनके सुझावों को गंभीरता से लेने की बात भी की।