राज्य में पहली बार बिजली की मांग में एक करोड़ यूनिट से ऊपर की वृद्धि दर्ज की गई है। यूपीसीएल अब मीटर की एमआरआई करेगा, जिससे उपभोक्ताओं के विद्युत लोड की सच्चाई सामने आएगी।
उत्तराखंड में बिजली की अत्यधिक मांग के चलते, अब कम लोड पर एसी चलाने वालों को अपनी जेब पर अधिक भार महसूस होने वाला है। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बिजली मीटर की एमआरआई का अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इस अभियान से यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस कनेक्शन पर कितनी एसी चलाई जा रही हैं और उपभोक्ताओं के वास्तविक लोड का पता चल सकेगा। इससे उन लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी है, जो कम लोड पर एसी चलाकर बिजली की मांग को बढ़ा रहे हैं।
उत्तराखंड में पहली बार बिजली की मांग रिकॉर्ड 6.4 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है, जो पहले अधिकतम 5.6 करोड़ यूनिट तक रहती थी। गर्मी के कारण बढ़ी इस मांग ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को बाजार से रोजाना एक करोड़ यूनिट से अधिक बिजली खरीदने पर मजबूर कर दिया है, जिससे वित्तीय घाटा हो रहा है। अब यूपीसीएल मीटर की एमआरआई का अभियान शुरू कर यह जांच करेगा कि कितने किलोवाट के कनेक्शन पर कितनी एसी चलाई जा रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं के विद्युत लोड की सही स्थिति का पता चल सके।