सभी जिलों की जिला कार्यकारिणी का कहना है कि इन स्कूलों को फिर से उत्तराखंड बोर्ड में शामिल किया जाए। इनकी सीबीएसई से संबद्धता खत्म कर इन स्कूलों के शिक्षकों पर अन्य स्कूलों के शिक्षकों की तरह ही समान रूप से नियम लागू किए जाएं।
प्रदेश के 189 स्कूलों के अभिभावकों की राय तय करेंगी कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों की सीबीएसई से संबद्धता खत्म की जाए या नहीं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, अभिभावकों की राय लेने के बाद इसका परीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किया जाए।
राजकीय शिक्षक संघ ने प्रदेश के अटल उत्कृष्ट स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से हटाकर इन्हें फिर से उत्तराखंड बोर्ड में शामिल करने की मांग की है। संगठन के प्रांतीय पदाधिकारियों के मुताबिक, संगठन के सभी जिलाध्यक्षों की ओर से इस संबंध में प्रांतीय कार्यकारिणी को प्रस्ताव मिला है।
सभी जिलों की जिला कार्यकारिणी का कहना है कि इन स्कूलों को फिर से उत्तराखंड बोर्ड में शामिल किया जाए। इनकी सीबीएसई से संबद्धता खत्म कर इन स्कूलों के शिक्षकों पर अन्य स्कूलों के शिक्षकों की तरह ही समान रूप से नियम लागू किए जाएं।
अटल उत्कृष्ट स्कूलों की वजह से राज्य में दोहरी व्यवस्था बनी है। एक ही विभाग के शिक्षकों को दोहरी नीति का सामना करना पड़ रहा है। सुगम क्षेत्र के इन स्कूलों के शिक्षकों की सेवाएं दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा के रूप में जोड़ी जा रही है। इस स्थिति से राज्य के दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षक सुगम के स्कूलों में नहीं आ पाएंगे।
अटल उत्कृष्ट स्कूलों के शिक्षक इन स्कूलों की सीबीएसई से संबद्धता खत्म करने का विरोध कर रहे हैं। स्कूलों के शिक्षकों का कहना है, इन स्कूलों की वजह से पहाड़ से पलायन रुकेगा। दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चे घर के पास इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर पा रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ की मांग पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी को इसका परीक्षण कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री का कहना है कि इससे पहले इन स्कूलों के अभिभावकों की राय ली जाए।