राज्य कर्मचारियों को अब अपने वेतन खाते को किसी भी बैंक में खोलने या स्थानांतरित करने की स्वतंत्रता प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार के कर्मचारियों को बैंकों में सैलरी सेविंग एकाउंट के बदले कारपोरेट सैलरी पैकेज की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस पैकेज के तहत उन्हें विभिन्न लाभ मिलेंगे, जैसे कि दुर्घटना बीमा, बच्चों की शिक्षा और उनके विवाह के लिए सहायता। इसके लिए उन्हें किसी अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। राज्यपाल ने राज्य सरकार को पाँच प्रमुख बैंकों के साथ अनुबंध करने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह निर्णय हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। अपर मुख्य सचिव वित्त, आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से बैंकों के साथ अनुबंध के लिए निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी को अधिकृत किया गया है।
पहले चरण में, राज्य सरकार स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, और जिला सहकारी बैंक के साथ अनुबंध करेगी। भविष्य में, वित्त विभाग शासन की आवश्यकताओं के अनुसार अन्य बैंकों को भी कारपोरेट सेविंग बैंक सैलरी पैकेज योजना के तहत शामिल करने का निर्णय ले सकता है।
यह योजना बैंकों द्वारा अपने संसाधनों से लागू की जाएगी और यह पूरी तरह से निशुल्क होगी, जिससे खाताधारकों के कल्याण को सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के लाभ प्रदान करने के संबंध में राज्य सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। राज्य कर्मचारियों को अपने वेतन खातों को किसी भी बैंक में खोलने या स्थानांतरित करने की पूरी छूट होगी।
मिलेगी ये सुविधाएँ
1. दुर्घटना बीमा : इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्मचारी के आश्रितों को 38 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
2. अपंगता : दुर्घटना के कारण अपंगता की स्थिति में, कर्मचारी को 40 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
3. सामान्य मृत्यु : सामान्य मृत्यु की स्थिति में, 1 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान होगा।
इसके अतिरिक्त, बच्चों की शिक्षा और उनकी शादी के लिए भी बैंकों द्वारा वित्तीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे परिवार की प्रमुख आवश्यकताएँ पूरी की जा सकेंगी।