नई दिल्ली: बीते कुछ दिनों से बर्ड फ्लू के मामले दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। इस मसाले को लेकर अमेरिका में होने वाले मामलों के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है। हाल ही में, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मेक्सिको में बर्ड फ्लू से हुई पहली मौत की पुष्टि की थी।
अब, भारत में भी इस वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को WHO ने भारत में एवियन इन्फ्लुएंजा ए वायरस से मानव संक्रमण के मामले की पुष्टि की है।
इस खबर ने चिंता की लहर फैला दी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और सावधानी से बर्ड फ्लू के लक्षणों का ध्यान रखने का आग्रह किया है। सरकार भी इस मसाले को गंभीरता से लेकर काम कर रही है और लोगों को जागरूक करने के लिए उचित निर्देश जारी कर रही है।
इस मसाले को लेकर समुचित कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है ताकि बर्ड फ्लू के प्रसार को रोका जा सके और जनता की स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।
भारत के IHR NFP ने WHO को बताया कि पश्चिम बंगाल में एक 4 वर्षीय बच्चे में H9N2 वायरस संक्रमण हुआ। बच्चे को पहले हाइपररिएक्टिव एयरवे रोग था। उसे बुखार और पेट दर्द हुआ, फिर 2 फरवरी को लोकल अस्पताल में इन्फ्लूएंजा बी और एडेनोवायरस पाया गया।
उसे 28 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन 3 मार्च को गंभीर रेस्पिरेटरी समस्या के कारण उसे दूसरे सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद कई परीक्षणों के बाद मरीज को इन्फ्लूएंजा ए (H9N2) वायरस से संक्रमित पाया गया। WHO के मुताबिक, मरीज का आसपास की पोल्ट्री से संपर्क था। बता दें कि यह भारत में H9N2 बर्ड फ्लू का दूसरा मानव संक्रमण है। इससे पहले साल 2019 में इसका पहला मामला मिला था।
एनिमल इन्फ्लूएंजा वायरस आम तौर पर जानवरों के बीच फैलता है, लेकिन यह इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन (IHR) के मुताबिक, नए इन्फ्लूएंजा ए वायरस सब-टाइप के कारण होने वाला मानव संक्रमण एक ऐसा मामला है, जिसमें लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है और इसे डब्ल्यूएचओ को सूचित किया जाना चाहिए।