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पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड में पंचायत चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण कदम

सरकार ने Unified Pension Scheme (एकीकृत पेंशन योजना) को लागू करने का फैसला लिया है, जो राज्य के लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा का एक बड़ा स्रोत साबित हो सकता है।

यह योजना राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को एक बेहतर जीवन स्तर और आर्थिक सुरक्षा मिले, खासकर पेंशन प्राप्त करने की स्थिति में। इससे न केवल पेंशन धारकों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि यह योजना पंचायत चुनावों में भी लोगों के बीच सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन बनाने में मददगार साबित होगी।

योजना के तहत, पात्र नागरिकों को पेंशन मिल सकेगी, जो उनके वृद्धावस्था या किसी अन्य कारण से काम करने की स्थिति में न होने पर सहायक सिद्ध होगी। इस कदम से सरकार न केवल नागरिकों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है, बल्कि इस तरह के सामाजिक कल्याण के कार्यों के माध्यम से चुनावों में जनमत निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा रही है।

पंचायत चुनावों से पहले इस तरह की योजनाओं के द्वारा सरकार की प्रतिबद्धता और लोगों की भलाई के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाया जा रहा है, जिससे आगामी चुनावों में सरकार को जनसमर्थन मिल सके।

प्रदेश सरकार ने ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) से मिलते-जुलते स्वरूप वाली यूपीएस (Unified Pension Scheme) लागू करने का निर्णय लेकर अपनी मंशा को काफी हद तक स्पष्ट कर दिया है। विभिन्न राज्यों में ओपीएस को लेकर बढ़ती राजनीति और विवादों के बीच, केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पिछले वर्ष यूपीएस का विकल्प प्रस्तुत किया था। इस योजना में एनपीएस (नैशनल पेंशन स्कीम) और ओपीएस को मिलाकर यूपीएस का खाका तैयार किया गया था। केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है।

वेतन, भत्ते और पेंशन में केंद्र के साथ समानता

प्रदेश सरकार ने कर्मचारी संगठनों के साथ बनी सहमति के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन के मामलों में केंद्र के साथ समानता रखने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में, प्रदेश में एनपीएस को भी क्रियान्वित किया गया है, जिससे कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह लाभ मिल सके और उनकी पेंशन योजना को समान रूप से लागू किया जा सके।

सरकार ने नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत, यानी 1 अप्रैल से अपने कर्मचारियों को यूपीएस (Unified Pension Scheme) में शामिल होने का विकल्प दिया है। अब कर्मचारी यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे पहले से लागू एनपीएस (National Pension Scheme) में बने रहना चाहते हैं या फिर यूपीएस को अपनाना चाहते हैं। सरकार इस योजना को कर्मचारियों पर थोपने का कोई इरादा नहीं रखती, और उन्हें अपनी पसंद के अनुसार निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।

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