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पायलट संघों ने एयर इंडिया प्रबंधन को दंडनीय कार्यसूची जारी की

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। पायलटों के संघों ने एयर इंडिया प्रबंधन के साथ चालक क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) के कामकाज और डे ऑपरेशंस (डीओपीएस) के संचालन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि जब वह उड़ान कर्मचारियों की कमी के कारण सहयोग कर रहे हैं, तो इसे उनकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।

एयरलाइन के कार्यकारी निदेशक, संचालन, टी.पीए.स. धालीवाल को लिखे एक पत्र में इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन और इंडियन पायलट्स गिल्ड ने अपने दंडनीय कार्यसूची और काम की थकान से संबंधित कई मुद्दों को चिह्न्ति किया है।

उन्होंने पत्र में कहा, चूंकि एयर इंडिया प्रबंधन अपने विवेक से वास्तविक उड़ान के घंटों पर पायलटों का भुगतान कर रहा है, इसलिए ऑपरेटर के पास जिम्मेदारी है कि वह काम की मात्रा, विशेष रूप से थकान पैदा करने वाले ड्यूटीज, समान रूप से उपलब्ध उड़ान चालक दल के बीच वितरित करे।

उन्होंने सीएमएस से संबंधित कई मुद्दों पर प्रकाश डाला है जैसे रात की स्टॉप फ्लाइट्स और अंतर्राष्ट्रीय लेओवर फ्लाइट्स की बराबरी नहीं करना, और बेस और बेड़े में वास्तविक उड़ान घंटों का अकुशल समानीकरण। उन्होंने यह भी बताया है कि एयर इंडिया एफडीटीएल योजना के उल्लंघन में साप्ताहिक अवकाश मुद्रित किए जाते हैं। साथ ही उड़ानों के उचित रोटेशन का पूर्ण अभाव है।

डीओपीएस से संबंधित मुद्दे, जो दोनों संघों द्वारा चिह्न्ति किए गए हैं, चालक दल की कमी को दूर करने के लिए उड़ानों से पहले एसओडी यात्रा रिकॉर्ड में हेरफेर के बारे में हैं।

उन्होंने कहा, यह बी777 बेड़े में अधिक प्रचलित है और इसे तुरंत समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मुद्रित रोस्टर को संबंधित क्रू की अनुमति के बिना बार-बार संशोधित किया जा रहा है।

उन्होंने पत्र में कहा, संबंधित पायलटों की जानकारी या सहमति के बिना मुद्रित रोस्टर में बदलाव किए गए हैं। पायलटों की कमी के कारण बीमार छुट्टी पर गए पायलटों को फिट रिपोर्ट करने के लिए परेशान कर रहे हैं। यह एक गंभीर उड़ान सुरक्षा चिंता है। बीमार होने की सूचना देने पर नियोजित रोस्टर को लगातार पांच दिनों के लिए हटा दिया जाता है, यह बेतुका है। मुद्रित रोस्टर में ये अनावश्यक परिवर्तन व्यापक प्रभाव पैदा करते हैं।

संघों ने पत्र में चेतावनी दी- पायलटों के एक विशेष वर्ग के साथ उदासीन व्यवहार किया जाता है और रोस्टर प्रथाओं के उल्लंघन में डीटीए पर इनकार कर दिया जाता है। बेड़े और ग्रेड के आधार पर पायलटों के साथ भेदभाव करने का कोई भी कदम अस्वीकार्य है। यदि यह भेदभाव जारी रहता है, तो हम अपना सहयोग वापस लेने के लिए मजबूर होंगे, और उड़ानों के किसी भी व्यवधान के लिए केवल जीएम सीएमएस को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, बीमार होने की सूचना देने वाले पायलटों के लिए थकान पैदा करने वाले कर्तव्य अलग रखे गए हैं। डराने-धमकाने की इस तरह की रणनीति उड़ान सुरक्षा के लिए घातक साबित होगी। थकान पैदा करने वाले कर्तव्यों को डीजीसीए सीएआर एफडीटीएल के अनुसार समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

केसी/एसजीके

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