Homeबिजनेसजीएसटी के ऑनलाइन ऑडिट के लिए तंत्र विकसित करें : संसदीय समिति

जीएसटी के ऑनलाइन ऑडिट के लिए तंत्र विकसित करें : संसदीय समिति

[ad_1]

नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)। एक उच्च स्तरीय संसदीय पैनल ने सरकार को जीएसटी में ऑनलाइन ऑडिट के लिए एक तंत्र विकसित करने की संभावना पर विचार करने का सुझाव दिया है, ताकि प्रक्रिया को अधिक कुशल और कम दखल दिया जा सके।

वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के लिए अनुदान की मांगों पर संसद की स्थायी समिति ने गुरुवार को संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि सरकार को उन दस्तावेजों की एक श्वेत सूची तैयार करनी चाहिए जो एक ऑडिट करने के लिए आवश्यक होंगे और इस प्रकार अधिकारियों के साथ-साथ निर्धारितियों के लिए एक मार्गदर्शन नोट बनें।

पैनल ने ये सुझाव दिए, क्योंकि यह नोट किया गया कि निर्धारितियों को भौतिक उपस्थिति के लिए जीएसटी कार्यालयों में बुलाया जा रहा है, जिसमें न केवल निर्धारितियों बल्कि विभाग के अधिकारियों का भी बहुत समय लगता है।

समिति ने आगे कहा कि स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के जाल को चौड़ा करने के लिए कई नए लेनदेन को इसके दायरे में लाया गया, जिसमें बड़ी मात्रा में नकद निकासी, विदेशी प्रेषण, लक्जरी कार की खरीद, ई- वाणिज्य प्रतिभागियों, माल की बिक्री, अचल संपत्ति का अधिग्रहण और आभासी डिजिटल संपत्ति व अन्य शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, समिति का मानना है कि पिछले कुछ वर्षो में टीडीएस और टीसीएस पद्धति न केवल कुशल और राजस्व उत्प्लावक साबित हुई है, बल्कि प्रकृति में गैर-दखल देने वाली भी है, जो विवेक को कम करती है और बेहतर कर अनुपालन को बढ़ावा देती है। मंत्रालय द्वारा अब तक की गई पहलों की सराहना करते हुए समिति ने सिफारिश की है कि टीडीएस और टीसीएस कवरेज का और विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि बड़ी मात्रा में नकदी वाले अधिक लेनदेन को कवर किया जा सके।

तलाशी और जब्ती अभियान पर पैनल ने सुझाव दिया कि इन कार्रवाइयों को पर्याप्त सावधानी के साथ विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित किया जाना चाहिए।

पैनल ने सिफारिश की, यह उम्मीद की जाती है कि इन प्रवर्तन कार्यो को करने से पहले पूरी तरह से सावधानी बरती जाती है, ताकि वैध शिकायतों को दूर किया जा सके और उनसे कर की उचित वसूली सुनिश्चित की जा सके। समिति का विचार है कि इरादतन या पुराने के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए कर चोरी करने वालों, ईमानदार करदाताओं को अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए।

समिति ने सरकार से आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल और करदाताओं के अनुकूल बनाने का भी आग्रह किया।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

[ad_2]

एक नजर