उत्तराखंड में पांचवें राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल गई है। इस कॉलेज को 100 सीटों की अनुमति मिलने के बाद अब एमबीबीएस के छात्रों के लिए और अधिक विकल्प उपलब्ध हो गए हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की स्थापना से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। इससे युवाओं को डॉक्टर बनने का और बेहतर अवसर मिलेगा, जो प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करेगा।
डॉक्टर बनने के इच्छुक उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक सकारात्मक खबर आई है। उन्हें अब एमबीबीएस में दाखिले के लिए और अधिक विकल्प मिलेंगे, क्योंकि राज्य के पांचवें राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल गई है। इस कॉलेज में इसी सत्र में 100 सीटों पर दाखिले होंगे, जिनमें से 85 सीटें राज्य कोटा की हैं।
राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए 100 एमबीबीएस सीटों का प्रस्ताव नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भेजा था।
हालांकि, एनएमसी ने पहली अपील में कॉलेज में फैकल्टी सहित कुछ खामियां पाई थीं और मान्यता अस्वीकार कर दी थी। लेकिन दूसरी अपील में इन खामियों की समीक्षा की गई, और नए दस्तावेजों और प्रस्तुतियों के आधार पर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी गई।
वर्तमान में कॉलेज में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं।
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि मौजूदा सत्र शुरू होने से पहले आवश्यक फैकल्टी और बुनियादी ढांचे को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही, अस्पताल में पहले से चल रही सेवाओं के साथ ओपीडी और अन्य चिकित्सा सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा।