उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोकगीत बेहद समृद्ध हैं। यदि उत्तराखंड के लोकगीतों को फिल्म जगत में और अधिक मंच मिलना है, तो इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने चाहिए।
फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के दौरान उत्तराखंड के दो कैबिनेट मंत्रियों ने बताया कि राज्य सरकार ने अपनी फिल्म नीति में बदलाव किया है, जिससे फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा, “लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि सरकार कुछ नहीं कर रही है। लेकिन अगर अच्छी स्क्रिप्ट, अच्छा निर्देशक और विषय अच्छा होगा, तो सरकार निश्चित रूप से प्रोत्साहन देगी।”
इसके अलावा, मंत्रियों ने सुझाव दिया कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान के लिए एक विशेष विभाग स्थापित किया जाए। उत्तराखंड का साहित्य, यहां के लोग और लोक संस्कृति अत्यंत समृद्ध हैं, और इन पर आधारित कई विषयों पर बेहतरीन काम किया जा सकता है।
इस दिशा में पहल करने से न केवल लोकगीतों को एक नया मंच मिलेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों और निर्माताओं को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।
उत्तराखंड में फिल्मों के विकास के लिए बाहरी फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं।
जैसा कि कहा गया है, “ताली दोनों हाथों से बजती है।” यदि फिल्मकार के पास बेहतरीन विषयवस्तु है, तो यह राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा दे सकता है। स्थानीय फिल्म निर्माताओं को सरकार के पास अपने प्रस्ताव लेकर जाना चाहिए, ताकि वे अपनी फिल्म निर्माण की योजनाओं को प्रस्तुत कर सकें।
सिनेमा बनाने के लिए आवश्यक कौशल और क्षमता होना बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास यह कौशल है, तो आपको अपने काम को आगे बढ़ाने से नहीं हिचकिचाना चाहिए। एक अच्छी फिल्म का काम किसी भी बाहरी निर्माताओं को आकर्षित कर सकता है।
इसके अलावा, राज्य सरकार को भी चाहिए कि वे फिल्म निर्माण के लिए एक आकर्षक माहौल तैयार करें, जैसे कि सुविधाजनक फिल्म नीति, वित्तीय प्रोत्साहन और स्थानीय कलाकारों के साथ सहयोग के अवसर। इससे बाहरी निर्माताओं का ध्यान आकर्षित होगा और उत्तराखंड को फिल्म निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाया जा सकेगा।
उत्तराखंड के लोकगीतों की प्रस्तुति की