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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में गुरुवार को उज्जवला योजना सब्सिडी और गैस की कीमतों को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।
ड्रामा प्रश्नकाल के दौरान हुआ, जब बालाघाट के भाजपा सांसद ढाल सिंह बिसेन ने पुरी से पूछा कि उज्जवला के कई लाभार्थियों को अपने सिलेंडरों की दूसरी रिफिल प्राप्त करने में विफल रहने के कारण सरकार को कितने नुकसान का सामना करना पड़ा और क्या सरकार उज्जवला सिलेंडरों की रिफिल सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी राशि में वृद्धि करें।
पुरी ने अपने जवाब में कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी की कमी प्रतीत होती है और उन्होंने सदन को सूचित किया कि 2014 से एलपीजी कनेक्शनों की संख्या में भारी उछाल आया है।
उन्होंने कहा कि यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि उज्जवला लाभार्थियों ने दूसरा सिलेंडर नहीं दिया गया है।
मंत्री ने बताया कि कैसे सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनकी कीमतों में वृद्धि के बावजूद घरेलू गैस की कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रयास किए हैं, इस पर चौधरी ने पुरी को रोका और वर्तमान गैस की कीमत जानने की मांग की।
मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया जारी रखते हुए कहा कि सिलेंडर की औसत खपत तीन प्रति परिवार से बढ़कर प्रति परिवार साढ़े तीन सिलेंडर हो गई है।
चौधरी ने उन्हें फिर टोकते हुए कहा कि राजग सरकार में सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है।
जब चौधरी ने फिर कहा कि सरकार उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, तो पुरी ने कहा कि 2020 में जब कोविड महामारी के कारण गैस की कीमतें गिर गई थीं, तब सब्सिडी की जरूरत नहीं थी।
मंत्री ने कहा कि अब यह उज्जवला लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 200 रुपये प्रति सिलेंडर के रूप में दिया जा रहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतें बढ़ी हैं, भले ही केंद्र ने घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखा हो।
चौधरी ने फिर बीच में कहा कि सरकार ने 2020 में गरीबों को कोई सब्सिडी नहीं दी, जब गैस की कीमतें गिर रही थीं।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसके बाद कांग्रेस नेता से मंत्री की बात सुनने को कहा।
–आईएएनएस
पीके/एसजीके
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